Simran Ansari

लाइब्रेरी में जोड़ें

रूहानी रिश्ता : भाग - 6

   समीरा उसे वह पूरी स्टोरी सुनाती है और करण भी बहुत ध्यान से स्टोरी सुनता है लेकिन स्टोरी सुनने से ज्यादा उसका ध्यान समीरा की तरफ होता है स्टोरी सुनाते वक्त उसके एक्सप्रेशंस देखकर करण बस उसे देखता रह जाता है फिर समीरा उसे पूछती है क्या हुआ तो वह इधर-उधर देखने लगता है और कहता है कुछ नहीं तुम सुनाओ बहुत अच्छी स्टोरी है


स्टोरी सुनते सुनते उन दोनों को ही वक्त का पता नहीं चलता जैसे ही स्टोरी खत्म होती है समीरा देखती है कि करण स्टोरी सुनकर बहुत खुश है लेकिन शायद करण की खुशी की वजह कुछ और ही रहती है जिसके बारे में समीरा को शायद कोई भनक तक नहीं है तभी अचानक समीरा की नजर घड़ी पर पड़ती है..... तो घड़ी देखकर वह जोर से चिल्लाती है- ओह नो.......

यह सुनकर करण चौंक जाता है और समीरा से पूछता है क्या हुआ? 

इस पर समीरा उसे जवाब देती है अरे यार तुम्हारे चक्कर में टाइम ही नहीं देखा मैंने 8:00 बज गए अब मम्मा को क्या बोलूंगी कैसे लेट हो गई वह परेशान हो रही होंगी।।।

अरे यार तो इसमें चिल्लाने वाली कौन सी बात है तुम तो ऐसे सीखें मैं डर ही गया..... अपनी मां को फोन करके बता दो- करन ने सुझाव दिया

कॉल तो मैं कर दूं लेकिन उनसे कहूंगी क्या?? समीना करण से सवाल करते हुए बोली

अरे यार कह देना कि काम आज ज्यादा था तो बस थोड़ी देर हो गई- करण ने कहा

अच्छा यह बताओ कि तुम्हें कहानी सुनाने की वजह से लेट हो गई- समीरा मुस्कुराकर करण की तरफ देखते हुए बोली

हां तो यही बोल दो मैंने कब मना किया- करण भी समीरा की तरफ मुस्कुरा कर देते हुए बोला

अच्छा ठीक है मैं मॉम को कॉल करके आती हूं कहकर समीरा मां से उठकर थोड़ा बाहर की तरफ से दी गई कॉल करने के लिए..... उसने अपनी मां से बात की और उन्हें बताया कि आज वह आधा घंटा लेट हो जाएगी घर पहुंचने में...... उसकी मां ने कहा अच्छा हुआ जो बता दिया ठीक है

उसके बाद मां से बात करके समीरा अंदर आकर अपना सामान समेटने लगी और करण से बोली ओके बाय मैं चलती हूं इस पर करण ने भी उसे बाय बोल दिया।।।

और समीरा दुकान से बाहर निकल गई और करण उसे बाहर की तरफ जाता देख कर वहीं खड़ा मुस्कुराता रहा।।।

यह देखकर करण के दोनों दोस्तों (अजय और पुनीत) ने अपना सिर पीट लिया और उससे बोले- अरे यार तुम ना बिलकुल पागल रहेगा हमेशा ही.....

करण हैरानी से उनकी तरफ देखते हुए बोला- अरे पर अब मैंने क्या कर दिया???

पुनीत ने कहा वही तो तूने कुछ नहीं किया जब तुझे करना चाहिए

करण- मतलब??? कहना क्या चाहते हो तुम दोनों साफ-साफ कहो....

इस पर अजय उसे समझाते हुए बोला- अबे यार! समीरा को तेरी वजह से लेट हो गया तो तू कम से कम उसे घर तो ड्राप कर ही सकता है ना......

अरे यार लेकिन मैं कैसे?? करण थोड़ा सोचता हुआ बोला

अब तु यह लेकिन वेकिन छोड़ और जल्दी से उसके पीछे जा नहीं तो वह टैक्सी में बैठकर घर भी चली जाएगी- पुनीत ने उससे कहा

उसकी यह बात सुनकर करण जल्दी से अपनी बाइक की चाबी लेकर समीरा के पीछे दुकान से निकल पड़ा- बाहर निकल कर उसने इधर उधर देखा उसे समीरा नहीं दिखी तो उसने सोचा शायद वह अब तक टैक्सी में बैठकर घर के लिए निकल गई होगी यह सोचकर करण मुंह लटकाए वापस दुकान की तरफ आने लगा कि तभी उसने रोड के दूसरी साइड समीरा को खड़े होकर टैक्सी का इंतजार करते हुए देखा उसे अभी भी वहां पर देख कर करण बहुत ज्यादा खुश हो गया और जल्दी से बाइक स्टार्ट करके उसके सामने पहुंचा और उससे बोला- टैक्सी नहीं मिल रही तो मैं घर ड्रॉप कर दूं???


समीरा उसे वहां अपने सामने से बाइक पर देखकर एकदम शॉक्ड हो जाती है और फिर उससे कहती है अरे करण तुम यहां..... अभी तो तुम शॉप के अंदर थे...... कहीं जा रहे हो क्या???

अब बेचारा करन समीरा के इस सवाल का क्या जवाब दें कि वह तो उसके पीछे उसे ही घर ड्राप करने के लिए स्पेशली आया है.....

अरे हां मैं जा रहा था उसने बात बदलते हुए बोला लेकिन ज्यादा इंपॉर्टेंट काम नहीं है पहले तुम्हें घर छोड़ सकता हूं वैसे भी तुम्हें मेरी वजह से लेट हो गया तो उसकी भी भरपाई हो जाएगी।।।

अरे नहीं ऐसी कोई बात नहीं है इसकी कोई जरूरत नहीं मैंने तो मजाक में कहा था कि तुम्हारी वजह से लेट हो गया अभी मिल जाएगी टैक्सी मैं चली जाऊंगी थैंक्स- कहकर समीरा इधर-उधर रोड की तरफ देखने लगी.....

लेकिन करन अभी भी वहां से नहीं गया और उससे बोला- अरे यार इतना ट्रस्ट तो कर ही सकती हो तुम्हें लेकर भाग नहीं जाऊंगा मैं और तुमने अपनी मॉम से आधे घंटे लेट ही आने को कहा है यहां खड़ी रहोगी तो और ज्यादा लेट हो जाओगी कम ऑन यार बैठो मैं घर ड्रॉप कर देता हूं।।।

करण ने जब फिर से कहा तो समीरा उसे मना नहीं कर पाई और बाइक पर उसके साथ बैठ गई...... लेकिन कुछ भी नहीं बोली तो थोड़ी देर बाद करण ने ही बोला- अरे यार एड्रेस बताओ कि अपना मुझे नहीं पता तुम कहां रहती हो???

ओ सॉरी मुझे ध्यान ही नहीं रहा आगे से लेफ्ट इतना बोलने के बाद समीरा करण को अपने घर का एड्रेस बताती है और करन 20 मिनट में उसे उसके घर के सामने पहुंचा देता है लेकिन समीरा पता नहीं कहां खोई रहती है उसे तो जैसे पता ही नहीं चलता कि उसका घर आ गया।।।

करण ही उसे बोलता है हेलो मैडम तुम्हारा घर आ गया उतरना नहीं है क्या कहो तो अपने घर ले चलूं???

इस पर समीरा जैसे नींद से जागी हो ऐसे करण से बोलती है हां आ गया घर कहकर बाइक से नीचे उतरती है और जाने लगती है फिर मुड़ कर करण की तरफ देखती है और कहती है थैंक यू मुझे घर ड्राप करने के लिए.....

इस पर करण कहता है इट्स ओके तुमने मुझे स्टोरी सुनाई और मैंने घर ड्रॉप कर दिया हिसाब बराबर और वैसे भी फ्रेंड्स में थैंक्यू की कोई जगह नहीं होती।।। कहकर करण समीरा की तरफ देख कर मुस्कुराने लगता है जैसे उसका जवाब जानना चाह रहा हो.....

अच्छा तो हम दोनों फ्रेंड्स हैं?? समीरा उस से पूछती हैं

और नहीं तो क्या दुश्मन हैं - करण जवाब देता है

समीरा- अरे नहीं मेरा वह मतलब नहीं था, अच्छा 1 मिनट रुको मैं वह बुक लाकर तुम्हें देती हूं तुम अलमारी में रख देना।।।।

समीरा बात बदलते हुए कहती है इस पर करण कहता है - क्यों कल तुम लाइब्रेरी नहीं आओगी क्या???

समीरा- क्यों नहीं आऊंगी बिल्कुल आऊंगी लेकिन अगर मैं कल भी भूल गई तो???

इस पर करण हंसते हुए कहता है तो फिर मैं कल भी तुम्हें घर ड्राप करने आऊंगा इसी बहाने फिर कल दे देना बुक मुझे

उसकी आवाज सुनकर समीरा हंसने लगती है और कहती है उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी कल मैं पक्का बुक ले आऊंगी....

हां हां पता है पता है चलो अच्छा गुड बाय एंड गुड नाइट कहता हुआ करण अपनी बाइक मोड़ कर वहां से वापस चला जाता है।।।

हम्म गुड बाय - समीरा सिर्फ इतना ही बोल पाती है और करण वहां से चला जाता है

    समीरा कुछ मिनट तक ऐसे ही वहां खड़ी उसे जाते हुए देखती रहती हैं जब तक करन और उसकी बाइक दोनों ही उसकी आंखों से ओझल नहीं हो जाते अचानक उसके पापा भी ऑफिस से वापस आ जाते हैं और उससे कहते हैं अरे समीरा यहां ऐसे क्यों खड़ी हो......

अपने पापा को ऐसे अचानक देखकर वह एकदम चौंक जाती है और उनकी तरफ मुड़ते हुए उनसे पूछती हैं- पापा आप कब आए??

तभी जब तुम इन्हीं ख्यालों में खोई हुई सी यहां गेट पर खड़ी थी अभी आई हो क्या काम से??? समीरा के पापा उससे पूछते हैं

हां पापा बस आज थोड़ा लेट हो गई थी आज काम ज्यादा था बुक स्टॉल पर- समीरा हड़ बड़ा कर जवाब देती है जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी जाने वाली हो.....

अच्छा कोई बात नहीं चलो घर के अंदर तुम्हारी मां वेट कर रही होंगी- समीरा के पापा ने कहा

हां पापा मम्मा को मैंने कॉल करके बता दिया था कि आज मैं थोड़ा लेट हो जाऊंगी आने में- समीरा ने कहा

हम्म अच्छा किया- समीरा के पापा

उसके बाद समीरा अपने पापा के साथ घर के अंदर आई उसके पापा हॉल में सोफे पर बैठ गए और समीरा सीधे अपने कमरे में चली गई और जाकर चेंज करने लगी उसके बाद उसे उस किताब की याद आई जो वह कल रात में पढ़ रही थी उसे याद नहीं आ रहा था कि उसने वह किताब कहां रखी वह अपने पूरे कमरे में वह किताब ढूंढ रही थी......


थोड़ी देर तक ढूंढने के बाद भी जब उसे वह किताब नहीं मिली तो वहां अपनी मां को आवाज लगाती है- मम्मी मम्मी आपने मेरी कोई बुक देखी क्या???

उसकी मम्मी उसके कमरे में आती हैं और कहती हैं- नहीं आज तो मैं तेरे कमरे में आई ही नहीं तू लेकिन तू बता कैसी किताब थी मैं ढूंढ देती हूं???

अरे नहीं मम्मा मैं ढूंढ लूंगी वह वहीं लाइब्रेरी की किताब थी जहां मैं काम करती हूं कल वापस करनी है- समीरा ने कहा

और जैसे ही उसकी मां कमरे से बाहर जाने लगी समीरा ने झुक कर देखा तो बेड के नीचे ही वह किताब पढ़ी थी समीरा ने जल्दी से बुक को उठा लिया और चूम कर अपने बेड के ऊपर रखा- और खुशी में चिल्ला पड़ी अरे वाह मिल गई तो यहां गिर गई थी रात में मुझे तो पता ही नहीं चला नींद में???

उसकी मां भी मुड़ कर पीछे देखने लगी और बोली इतनी तेज कौन चलाता है समीरा चलो अच्छी बात है किताब मिल गई जल्दी से नीचे आ जा मैं डिनर लगाती हूं.....

ओके मॉम कहकर समीरा भी अपनी मॉम के पीछे पीछे डाइनिंग हॉल की तरफ चली जाती हैं और मां पापा के साथ बैठकर डिनर करती है फिर डिनर करने के बाद वापस अपने रूम में आकर वही बुक पढ़ने लगती है और खुद से बोलती हैं चाहे कुछ भी हो जाए आज मुझे यह बुक फिनिश करनी है...... फिर पूरी बुक पढ़ने के बाद ध्यान से बुक को अपने बैग में रख लेती है जिससे कि वह बुक ले जाना भूल ना जाए।।।

  
   बुक पढ़ कर समझा अपने बेड पर लेट जाती है रोज की तरह लेकिन आज उसे नींद नहीं आ रही होती वह करण के बारे में सोचने लगती है- कैसे रहता होगा करण अकेला बिना मॉम डैड के मैं तो कभी अपनी लाइफ इमैजिन भी नहीं कर सकती..... बहुत स्ट्रांग लड़का है क्या क्या झेला है उसने अपनी इतनी सी एज में???? यह सब सोचकर समीरा को करण से हमदर्दी होने लगती है और फिर थोड़ी देर बाद उसे नींद भी आ जाती है।।।

फिर अगली सुबह समीरा की नींद टाइम पर खुल जाती है अलार्म से तो वहां जल्दी से तैयार होकर नाश्ता करके शॉप के लिए निकल जाती है और आज 10:00 बजे से पहले ही वहां पर पहुंच जाती है...... इस पर पुनीत उससे कहता है-अरे वाह !! आज तो टाइम से पहले ही आ गई तुम.....

इस पर समीरा उसे और अजय दोनों को पहले गुड मॉर्निंग बोलती हैं उसके बाद कहती है हां बस ट्राई कर रही हूं जल्दी उठने की..... और अपनी साइड पर जाकर काम करने में लग जाती है लेकिन आज उसका काम में बिल्कुल मन नहीं लग रहा वह बार-बार शॉप की गेट की तरफ देख रही है या यूं कह लो किसी का इंतजार कर रही है......

उसकी इस हरकत को देखता हुआ अजय उससे कहता है- क्या हुआ किसी का वेट कर रही हो???

अजय की आवाज सुनकर समीरा उसे झेंप जाती है और कहती है नहीं नहीं बिल्कुल भी नहीं तुम्हें ऐसा क्यों लगा???

अरे बस लगा तो पूछ लिया वैसे करन अभी 1 घंटे में आ जाएगा- हंसता हुआ अजय समीरा से कहता है

हां तो मैंने कब पूछा तुमसे करण के बारे में- समीरा थोड़ा बनावटी गुस्सा करते हुए कहती है

वह तो मैंने बस ऐसे ही बता दिया सोचा शायद उसका ही इंतजार हो रहा हो क्योंकि वह ही नहीं है यहां पर बाकी हम तीनो तो है ही- अजय ने हंसते हुए कहा

  अजीब हो यार तुम तो मैंने कब कहा करन का इंतजार कर रही हूं मैं यहां काम करने आती हूं किसी का इंतजार करने नहीं कहकर समीरा लाइब्रेरी में अंदर की तरफ चली गई और अपने मोबाइल पर ईयर फोन लगाकर सॉन्ग सुनने लगी।।।

लेकिन निगाहें उसकी अभी भी दरवाजे पर ही टिकी थी करण के इंतजार में लेकिन वह दिखाना नहीं चाहती थी कि अजय और पुनीत में से  किसी को भी इस बात का पता चले लेकिन वहां खुद समझ नहीं पा रही थी कि क्यों करण के बिना उसका काम में भी मन नहीं लग रहा है???


जारी......


#धारावाहिक प्रतियोगिता

   10
1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

01-Mar-2022 05:51 PM

अच्छी कहानी है

Reply